
पत्रकार कल्याण कोष और सम्मान पेंशन योजना की बैठक में महत्वपूर्ण फैसले
देहरादून. पत्रकारिता केवल पेशा नहीं, समाज का नैतिक प्रहरी है और जब यही प्रहरी कठिन दौर से गुजरते हैं, तो राज्य का दायित्व और संवेदनशीलता दोनों परखा जाता है. सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित पत्रकार कल्याण कोष (कॉरपस फंड) एवं मुख्यमंत्री पत्रकार सम्मान पेंशन योजना समिति की बैठक में यही मूल भावना हावी रही. बैठक ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनका उद्देश्य पत्रकारों व उनके परिवारों को सुरक्षा और सम्मान देना है.
दिवंगत पत्रकारों के परिवारों को सहारा
समिति ने 15 दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को ₹5–5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने की संस्तुति की है. यह केवल रकम नहीं, बल्कि उन परिवारों के प्रति संवेदना का प्रतीक है, जिन्होंने अपने किसी प्रिय को खोने के साथ-साथ आर्थिक कठिनाइयों का सामना भी किया.
बीमार पत्रकारों के लिए राहत
गंभीर बीमारी से जूझ रहे दो पत्रकारों के लिए ₹5–5 लाख चिकित्सा सहायता की अनुशंसा की गई.
पत्रकारों की स्वास्थ्य समस्याएँ अक्सर आर्थिक बोझ बन जाती हैं, ऐसे में यह सहायता उनके लिए बड़ी राहत साबित होगी.

वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मान पेंशन
पत्रकारिता के दशकों लंबे सफर में समाज को दिशा देने वाले चार वरिष्ठ पत्रकारों को ₹8,000 प्रतिमाह की सम्मान पेंशन देने का निर्णय लिया गया.
यह पेंशन न केवल आर्थिक सहयोग है, बल्कि उनके योगदान का औपचारिक सम्मान भी.
“पत्रकारों के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध” – महानिदेशक
महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार पत्रकारों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. उन्होंने बताया कि संकट में पड़े पत्रकारों की सहायता के लिए विभाग त्वरित और संवेदनशील कार्यवाही कर रहा है और प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जा रहा है.
बैठक में उपस्थित सदस्य
बैठक में संयुक्त निदेशक के.एस. चौहान, नितिन उपाध्याय, वरिष्ठ वित्त अधिकारी शशि सिंह, तथा समिति सदस्य लक्ष्मण सिंह नेगी, गिरीश तिवारी, अमित शर्मा और शशि शर्मा मौजूद रहे.
