
धन सिंह रावत श्रीनगर विधानसभा के वर्तमान विधायक हैं। उन्होंने कम उम्र में ही समाज सेवा का कार्य शुरू कर दिया था। साल 1989 में धन सिंह रावत ने आरएसएस ज्वॉइन किया। बाल विवाह, छुआछूत और शराब के खिलाफ अभियान छेड़ा। वह राम जन्मभूमि मूवमेंट के दौरान भी सक्रिय रहे और जेल भी जाना पड़ा। उच्च शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय में मंत्री के रूप में सेवा दे चुके धन सिंह रावत का कहना है कि इस चुनाव में भी जनता का प्यार उन्हें प्राप्त होगा और सूबे में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी। इसकी वजह यह है कि बीजेपी के शासन के दौरान सूबे में जितने कार्य हुए हैं, उतने कभी अन्य सरकारों के कार्यकाल में नहीं हुए।
अंतिम गांव और व्यक्ति तक विकास पहुंचाना है हमारा लक्ष्य
धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य की जनता ने जिस तरह से पिछले चुनावों में अपना भारी समर्थन भारतीय जनता पार्टी को दिया था, इस बार उससे भी अधिक देगी। उन्होंने कहा कि वो श्रीनगर विधान सभा में जब भी जाते हैं, तो लोगों का अपार प्रेम को देखकर लगता है कि कोई भी दूर- दूर तक लड़ाई में नहीं है। उन्होंने कहा, मैंने श्रीनगर विधानसभा में विकास कार्यों का खुद अवलोकन किया है और पूरा ध्यान रखा है कि क्षेत्र में विकास अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। हमारा उत्तराखंड के अंतिम गांव और व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाने का लक्ष्य है। हमारा मुद्दा सिर्फ विकास और विकास है।
बार- बार मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम आने पर उन्होंने कहा कि हम लोकतान्त्रिक पार्टी के कार्यकर्त्ता हैं और हमको जो भी जिम्मेदारी दी जाती है उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाते हैं जो भी पार्टी आदेश देती है, वो समर्पित कार्यकर्त्ता होने के नाते उसे निभाते हैं। उन्होंने कहा, हम उत्तराखंड में एक और एम्स खोलने को लेकर प्रतिबद्ध थे और हमने एक और एम्स राज्य को दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम राज्य में मौजूद सभी गर्भवती महिलाओं के लिए एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं और जल्द ही उनको इसका लाभ मिलेगा। उत्तराखंड में 2900 पदों पर नर्सों की भर्ती की गई है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को सरकार ने लैपटॉप दिए । डिग्री कॉलेजों में कार्यरत संविदा प्राध्यापकों को यूजीसी नियमानुसार 57 हजार 700 रुपये मासिक मानदेय दिया। दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क टैबलेट उपलब्ध कराने को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से उनके बैंक खाते में 12 हजार रुपये सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं । गांवों में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए जिला सहकारी बैंक भी स्थापित किये गए।