
मानद राजदूत के तौर पर कृति सैनॉन ने महिलाओं के सशक्तिकरण, कल्याण और सुरक्षा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया
मुंबई, 1 सितंबर 2025. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) इंडिया ने आज मशहूर अभिनेत्री, निर्माता और उद्यमी कृति सैनॉन को अपनी मानद लैंगिक समानता राजदूत नियुक्त करने की घोषणा की. यह घोषणा मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में हुई, जहां महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने के संयुक्त संकल्प को रेखांकित किया गया. अपने नए दायित्व में सुश्री सैनॉन महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों और कल्याण के लिए आवाज़ उठाएंगी. वह लड़कियों की शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, लैंगिक हिंसा को समाप्त करने और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने जैसे अहम मुद्दों पर अपना समर्थन देंगी.
कार्यक्रम से पहले कृति सैनॉन ने लैंगिक समानता के चार साहसी युवा समर्थकों के साथ मिलकर यह संकल्प लिया कि वह बाल विवाह, लिंग आधारित भ्रूण चयन, वेतन असमानता, नुकसानदायक सामाजिक मान्यताओं और महिलाओं व लड़कियों के खिलाफ हिंसा जैसी बाधाओं को दूर करने में अपनी आवाज़ बुलन्द करेंगी.
भारत अब भी लैंगिक पूर्वाग्रह की चुनौतियों का सामना कर रहा है, जहां बेटे की प्राथमिकता और सामाजिक मान्यताएं महिलाओं और लड़कियों के अवसरों को सीमित करती हैं. इसके बावजूद, प्रगति साफ दिखती है क्योंकि पहले से कहीं अधिक महिलाएं शिक्षा, नेतृत्व और कार्यबल का हिस्सा बन रही हैं. यूएनएफपीए इंडिया की मानद राजदूत के रूप में कृति सैनॉन ऐसे समाधान आगे बढ़ाएंगी, जो महिलाओं और लड़कियों को सीखने, नेतृत्व करने और प्रगति करने में मदद करें.
भारत में लैंगिक समानता से जुड़े प्रमुख तथ्य
- लिंग-आधारित भ्रूण चयन –गहरी जड़ें जमाए भेदभाव और असमानता का सबसे स्पष्ट संकेतक, जो बेटों की लगातार प्राथमिकता देने की मानसिकता को प्रदर्शित करता है.
- आर्थिक क्षमता – कार्यबल में लैंगिक अंतर को पाटने से 2030 तक भारत की जीडीपी में 27% तक बढ़ोतरी हो सकती है.
- लैंगिक हिंसा – हर तीन में से लगभग एक महिला अपने जीवनकाल में शारीरिक या यौन हिंसा का शिकार होती है[2], जो एक गंभीर मानवाधिकार संकट है और मजबूत रोकथाम व सहयोग तंत्र की मांग करता है.
- बाल विवाह – प्रगति के बावजूद, 20–24 वर्ष की उम्र की 23% महिलाएं 18 वर्ष से पहले ही विवाह कर लेती हैं, जिससे लाखों लड़कियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अवसरों से वंचित होना पड़ता है.
कार्यक्रम में कृति सैनॉन ने अपने संकल्प को व्यक्त करते हुए कहा कि “मैं यूएनएफपीए इंडिया की मानद लैंगिक समानता राजदूत के रूप में जुड़कर बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं. यह भूमिका महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों व विकल्पों की वकालत करने का अद्भुत अवसर है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने निर्णय खुद ले सकें, अपने सपने पूरे कर सकें और हिंसा व भेदभाव से मुक्त जीवन जी सकें. मैं हर महिला और लड़की को सशक्त बनाने, उनकी आवाज़ को बुलंद करने और उनके अनुभवों को सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मैं यूएनएफपीए इंडिया के साथ मिलकर उनके जीवन में वास्तविक बदलाव लाने के लिए तत्पर हूं.”
यूएनएफपीए इंडिया की प्रतिनिधि एंड्रिया एम. वोज्नार ने कृति सैनॉन का स्वागत करते हुए कहा कि “हम कृति सैनॉन का मानद लैंगिक समानता राजदूत के रूप में स्वागत करके बेहद उत्साहित हैं. उनकी प्रभावशाली आवाज़, जुनून और व्यापक पहुंच हमारे संदेश को और मजबूत बनाएगी, खासकर युवाओं तक. महिलाओं और लड़कियों के अधिकार, अवसर और सुरक्षा को आगे बढ़ाने में कृति की प्रतिबद्धता यूएनएफपीए के दृष्टिकोण से पूरी तरह मेल खाती है. हमें विश्वास है कि उनके प्रयास सार्थक बदलाव को प्रेरित करेंगे और समान व न्यायपूर्ण समाज की ओर प्रगति को तेज करेंगे.”
यूएनएफपीए एशिया और प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक पियो स्मिथ ने कृति सैनॉन की नियुक्ति पर बधाई देते हुए कहा कि “कृति सैनॉन का यूएनएफपीए इंडिया की मानद लैंगिक समानता राजदूत बनना एक महत्वपूर्ण कदम है. उनका प्रभाव भारत की सीमाओं से कहीं आगे तक है और उनकी आवाज़ एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गूंजेगी, जहां करोड़ों महिलाएं, लड़कियां समान अधिकारों और अवसरों के लिए प्रयासरत हैं. उनकी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाकर कृति समानता की पुकार को और बुलंद करेंगी, युवाओं को प्रेरित करेंगी और उस भविष्य की ओर प्रगति को तेज करेंगी जहां हर महिला और लड़की सफल हो सके.”
मानद राजदूत के तौर पर कृति सैनॉन का यूएनएफपीए इंडिया के साथ मिलकर दो वर्षीय कार्ययोजना में महिलाओं और लड़कियों के लिए कई प्रभावशाली गतिविधियों को शामिल करेगी. इनमें यूएनएफपीए कार्यक्रम स्थलों का दौरा कर समुदायों से सीधा संवाद, जागरूकता अभियान, विचार लेखन, और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूएनएफपीए के कार्यक्रमों व पक्षधरता अभियानों में भागीदारी शामिल होगी.
विगत पाँच दशकों से अधिक समय से यूएनएफपीए इंडिया, भारत सरकार, राज्य सरकारों और नागरिक समाज के साथ मिलकर लैंगिक समानता को आगे बढ़ा रहा है. लैंगिक हिंसा को समाप्त करने और महिलाओं व लड़कियों के लिए अवसरों का विस्तार करने पर काम कर रहा है. सुश्री सैनॉन के साथ मिलकर यूएनएफपीए उस भविष्य की ओर काम जारी रखेगा, जहां भारत की हर महिला और लड़की गरिमा के साथ जीवन निर्वाह कर सके, अपने निर्णय खुद ले सके और अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सके.