पिथौरागढ़. उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के एकमात्र महिला अस्पताल (Female Hospital in Pithoragarh) पर पूरे जिले के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल की महिलाओं के स्वास्थ्य और प्रसव की जिम्मेदारी भी है. इस वजह से यहां पर अधिक संख्या में महिलाएं अपना इलाज कराने पहुंचती हैं. रोगियों की अधिक संख्या और उन्हें भर्ती करने के लिए अस्पाताल में बेड की कमी के कारण यहां अस्पताल प्रबंधन को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. महिला अस्पताल में बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान की पहल पर अब यहां 40 बेड का अतिरिक्त भवन बनने का कार्य शुरू हो गया है, जिससे यहां पहुंचने वाली सभी महिलाओं को उचित इलाज मिल सके. जिलाधिकारी की इस पहल से सीमांत जिले की महिलाओं को काफी राहत मिलेगी.
हरगोविंद पंत महिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ जिले का एकमात्र बड़ा सरकारी अस्पताल है, जिसपर पूरे जिले की महिलाओं और बच्चों के इलाज का जिम्मा है. यहां जगह की कमी के चलते सभी लोगों को भर्ती करना अस्पताल प्रबंधन के सामने भी बड़ी चुनौती रहता है, जिससे महिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर आमजन शिकायतें करता आया है. पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने इन शिकायतों को सुलझाने के लिए महिला अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और यहां मरीजों की संख्या देख अस्पताल परिसर में ही खंडहर बन रहे आवासीय भवनों को हटाकर 40 बेड के लिए नए भवन निर्माण के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिए हैं, जिसपर काम भी शुरू हो गया है.
वर्तमान में अस्पताल में 62 बेड मरीजों के लिए हैं, जो पूरे जिले में महिलाओं की संख्याबल के मुकाबले नाकाफी हैं. हर रोज 150 से ऊपर यहां ओपीडी रहती है. महिला अस्पताल के एकमात्र बाल रोग विशेषज्ञ और अस्पताल के सीएमएस डॉ जेएस नबियाल, जिनके सामने यहां पहुंचे सभी लोगों के इलाज की जिम्मेदारी भी है, ने बताया कि विपरीत परिस्थितियों में भी यहां सभी मरीजों का इलाज किया जाता है. साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी की इस पहल के लिए भी आभार व्यक्त किया है, जिससे यहां महिला मरीजों को काफी राहत मिलेगी.