विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने धर्मांतरण को देशव्यापी विभीषिका बताते हुए राज्य और केंद्र सरकार से अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने की मांग की है ताकि लालच, भय या धोखे से धर्मांतरण करवाने वालों पर कठोर कार्रवाई की व्यवस्था हो सके. इसके साथ ही विहिप ने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के जिन व्यक्तियों ने धर्मांतरण किया है, उनको जनजातियों को मिल रहे लाभों से वंचित करने के लिए भी आवश्यक संविधान संशोधन करना चाहिए.
मध्य प्रदेश बनता जा रहा धर्मांतरण का अड्डा
उन्होंने कहा, ‘धर्मांतरण की देशव्यापी विभीषिका को देखते हुए राज्य व केंद्र सरकार अवैध धर्मांतरण को रोकने हेतु कठोर कानून बनाकर जिहादियों और ईसाई मिशनरियों के हिन्दू-द्रोही देशद्रोही कुकर्मों पर लगाम लगाएं. अब समय आ गया है कि लालच, भय और धोखे से धर्मांतरण करवाने वालों के लिए कठोर दंड की व्यवस्था हो.’ विहिप नेता ने कहा कि मध्यप्रदेश के झाबुआ, बेतुल , सागर, जबलपुर, सतना धर्मांतरण के बहु चर्चित अड्डे बनते जा रहे हैं और लव जिहाद से पीड़ित हिंदू महिलाओं की प्रताड़ना और हत्या के समाचार मध्य प्रदेश सहित देश के किसी न किसी क्षेत्र से प्रतिदिन आ रहे हैं.
सरकार रोके अवैध धर्मांतरण को
उन्होंने कहा कि इतिहास में नरसंहार, आतंकवाद व दंगों की पीड़ा को झेल चुका हिंदू समाज अब इस नए परिदृश्य को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं कर सकता. परांडे ने कहा कि विहिप देश के सभी साधु-संतों और सामाजिक-धार्मिक नेतृत्व करने वाले महापुरुषों से निवेदन करती है कि वे इन षड्यंत्रकारी शक्तियों के विरोध में समाज में व्यापक जन जागरण करें, अवैध धर्मांतरण को रोकें और धर्मांतरित हुए व्यक्तियों को पुनः अपने धर्म में शामिल कर अपनी जड़ों के साथ जोड़ें.