Tag: शेखर पाठक

सल्ट का सत्याग्रह आंदोलन

सल्ट का सत्याग्रह आंदोलन

इतिहास
चंद्रशेखर तिवारी उत्तराखण्ड में स्थित अल्मोड़ा जनपद का पश्चिमी सीमावर्ती इलाका सल्ट कहलाता है. तीखे ढलान वाले रुखे-सूखे पहाड़, पानी की बेहद कमी, लखौरी मिर्च की पैदावार और पशुधन के नाम पर हष्ट-पुष्ट बैल इस इलाके की खास पहचान है. प्रशासनिक व्यवस्था के तहत सल्ट का इलाका चार पट्टियों (राजस्व इकाई) में बंटा हुआ है. दूधातोली पर्वत़ श्रेणी के पनढाल से निकलने वाली पश्चिमी रामगंगा नदी चैखुटिया, मासी व because भिकियासैण होकर सल्ट इलाके को छूते हुए भाबर प्रदेश को चली जाती है. स्थानीय लोक गाथाओं के अनुसार यह इलाका ’राजा हरुहीत’ की कर्मभूमि रहा है. राजा हरुहीत का जन्म आज से तकरीबन 200 साल पहले तल्ला सल्ट पट्टी के गुजड़ूकोट गांव में हुआ था. राजा हरुहीत अपनी वीरता के साथ ही अपनी दयालुता व न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध थे. इनके बारे में मान्यता है कि अपनी अथक मेहनत से इन्होंने बंजर पड़ी जमीन को खेती-पा...
असहमति के साथ चलने वाला साथी

असहमति के साथ चलने वाला साथी

स्मृति-शेष
प्रखर समाजवादी एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शिल्पी बिपिन त्रिपाठी की जयन्ती (23 फरवरी) पर विशेष चारु तिवारी अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट विकासखंड में एक छोटी सी जगह है बग्वालीपोखर. वहीं इंटर कालेज में हम लोग पढ़ते थे. कक्षा नौ में. यह 1979 की बात है. पिताजी यहीं प्रधानाचार्य थे. उन्होंने बताया कि पोखर में विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. डीडी पंत आने वाले हैं. पिताजी कर्इ बार उनके बारे में बताते थे. जब वे डीएसबी कालेज, नैनीताल because में पढ़ते थे तब पंतजी शायद वहां प्रवक्ता बन गये थे. हम गांवों के रहने वाले बच्चे. हमारे लिये वैज्ञानिक जैसे शब्दों का मतलब ही किसी दूसरे लोक की कल्पना थी. बड़ी उत्सुकता हुई उन्हें देखने की. बग्वालीपोखर उस समय बहुत छोटी जगह थी. बस कुछ दुकानें. एक रामलीला का मैदान. पुराने पोखर में. उसके सामने एक धर्मशाला. उसके बगल में जशोदसिंह जी की दुकान. वहीं पर एक चबूतरा. ...