जल आंदोलन के प्रणेता सच्चिदानन्द भारती: आधुनिक वराहमिहिर
भारत की जल संस्कृति-36
डॉ. मोहन चंद तिवारी
उत्तराखण्ड में जल-प्रबन्धन-7
(12मार्च,2014 को because ‘उत्तराखंड संस्कृत अकादमी’, हरिद्वार द्वारा ‘आई आई टी’ रुड़की में आयोजित विज्ञान से जुड़े छात्रों व जलविज्ञान के अनुसंधानकर्ता विद्वानों के समक्ष मेरे द्वारा दिए गए वक्तव्य ‘प्राचीन भारत में जलविज्ञान‚जलसंरक्षण और जलप्रबंधन’ से सम्बद्ध ‘भारतीय जलविज्ञान’ पर संशोधित लेख का सार)
वाटर हारवैस्टिंग
वृक्षों, वनस्पतियों द्वारा भूमिगत जल because नाड़ियों को सक्रिय करते हुए केवल तीन दशकों में ही सात सौ हेक्टेयर हिमालय भूमि पर जंगल उगाने और तीस हजार तालाब पुनर्जीवित करने वाले 'पाणी राखो' आंदोलन के प्रणेता उत्तराखण्ड के सच्चिदानन्द भारती को यदि आधुनिक वराहमिहिर की संज्ञा दी जाए तो अत्युक्ति नहीं होगी.
वाटर हारवैस्टिंग
उत्तराखण्ड के दूधातोली क्षेत्र में सच्चिदानन्द भारती ने प्राचीन जलवैज्ञान...