Tag: भारत वर्ष

सार्वजनिक जीवन में मर्यादा की जरूरत है   

सार्वजनिक जीवन में मर्यादा की जरूरत है   

समसामयिक
प्रो. गिरीश्वर मिश्र  देश को स्वतंत्रता मिली और उसी के साथ अपने ऊपर अपना राज स्थापित करने का अवसर मिला. स्वराज अपने आप में आकर्षक तो है पर यह नहीं भूलना चाहिए कि उसके साथ जिम्मेदारी भी मिलती है. स्वतंत्रता मिलने के बाद स्वतंत्रता का स्वाद तो हमने चखा पर उसके साथ की जिम्मेदारी और कर्तव्य की भूमिका निभाने में ढीले पड़ कर कुछ पिछड़ते गए. देश को देने की जगह शीघ्रता और आसानी से क्या पा लें because इस चक्कर में भ्रष्टाचार, भेद-भाव तथा अवसरवादिता आदि का असर बढ़ने लगा. इसीलिए देश के आम चुनावों में कई बार भ्रष्टाचार एक मुख्य मुद्दा बनता रहा है और देश की जनता उससे मुक्ति पाने के लिए वोट देती रही है. परन्तु परिस्थितियों में जिस तरह का बदलाव आता गया है उसमें देश की राजनैतिक संस्कृति नैतिक मानकों के साथ समझौते की संस्कृति होती गई. ज्योतिष आज की स्थिति में धन–बल, बाहु-बल, परिवारवाद के साथ राजनीति के क...
हिन्दू धर्म विश्व का सर्वोत्कृष्ट राष्ट्रवादी धर्म है

हिन्दू धर्म विश्व का सर्वोत्कृष्ट राष्ट्रवादी धर्म है

साहित्‍य-संस्कृति
गांधी जी का राष्ट्रवाद-1 डॉ. मोहन चंद तिवारी (दिल्ली विश्वविद्यालय के गांधी भवन में 'इंडिया ऑफ माय ड्रीम्स' पर आयोजित ग्यारह दिन (9जुलाई -19 जुलाई, 2018 ) के समर स्कूल के अंतर्गत गांधी जी के राष्ट्रवाद because और समाजवाद पर दिए गए मेरे व्याख्यान का सारपूर्ण लेख,जो आज भी प्रासंगिक है) गांधी जी के अनुसार दुनिया के जितने भी धर्म हैं उनमें हिन्दूधर्म ही एकमात्र ऐसा राष्ट्रवादी धर्म है,जिसमें कट्टरता का अभाव है और जो सब से अधिक सहिष्णु है. because गांधी जी के अनुसार "हिन्दूधर्म न केवल मनुष्यमात्र की बल्कि प्राणिमात्र की एकता में विश्वास रखता है." - (यंग इंडिया,20-10-1927) ज्योतिष गौरतलब है कि 13 जुलाई, 1947 में because 'हरिजन सेवक' पत्रिका में समाजवादी कौन है? इस विषय पर लिखते हुए गांधी जी ने कहा था- “सारी दुनिया के समाज पर नज़र डालें तो हम देखेंगे कि हर जगह द्वैत ही द्वैत है. ए...