Tag: प्रजामंडल

पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक व हिमालय के गांधी, सुंदरलाल बहुगुणा

पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक व हिमालय के गांधी, सुंदरलाल बहुगुणा

उत्तराखंड हलचल
डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला भारत की मिट्टी में इतनी महान हस्तियों ने जन्म लिया कि अगर उनका जिक्र करने या उनकी कहानी बयां करने बैठे तो शायद एक युग कम पड़ जाएगा. क्योंकि हिंदुस्तान की मिट्टी की तासीर ऐसी रही है जिसमें अनेक महापुरुष देवत्व लेकर पैदा हुए. आज भारत एक ऐसी ही हस्ती की जयंती मना रहा है. जिसने अपना सारा जीवन भारतीय मिट्टी और भारत के साथ-साथ विश्व पर्यावरण के लिए कुर्बान कर दिया.सुंदरलाल बहुगुणा भारत के महान पर्यावरण-चिन्तक एवं उत्तराखण्ड में चिपको आंदोलन के प्रमुख प्रवर्तक थे. उन्होंने हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में वनों के संरक्षण के लिए अथक प्रयासों के साथ महान संघर्ष किया था. देश–दुनिया में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण उनका जन्म 09 जनवरी 1927 को गांव मरोड़ा (टिहरी गढ़वाल) में हुआ था. पांच भाई बहनों में सबसे छोटे होने के बावजूद उन्होंने कई बड़े कार्य किये. प्रारंभ में उनका नाम गंगा...
टिहरी रियासत के विरुद्ध जन-संघर्षों का अग्रणी व्यक्तित्व

टिहरी रियासत के विरुद्ध जन-संघर्षों का अग्रणी व्यक्तित्व

उत्तराखंड हलचल
दादा दौलतराम खुगशाल (मार्च, 1891- 3 फरवरी, 1960) डॉ. अरुण कुकसाल ‘‘आज तक राजा ने हमको पढ़ने-लिखने का अवसर नहीं दिया जिससे हम बायां अंगूठा लगाने को मजबूऱ हैं, लेकिन अब अगर राजा के कर्मचारी ‘कर’ आदि वसूलने आयें तो हमें उन्हें अपना दायां अंगूठा दिखाना चाहिए और हम दिखायेंगे भी.’’                                                                                                                                    - दादा दौलतराम खुगशाल प्रजामंडल के टिहरी सम्मेलन (25-27 मई, 1947) में दादा दौलतराम ने अपने भाषण में उक्त वक्तव्य देकर राजशाही को खुली चुनौती दे थी. टिहरी रियासत के विरुद्ध हुये निर्णायक आंदोलनों में 3 नाम प्रमुख रूप में सामने आते हैं. अमर शहीद श्रीदेव सुमन, दादा दौलतराम खुगशाल और नागेन्द्र सकलानी. श्रीदेव सुमन टिहरी रियासत के आत्याचारों के खिलाफ स्थानीय जनता की आवाज को देश के राष...