Tag: नेताजी सुभाष चन्द्र बोस

नेताजी ने ही दिया था गांधीजी को ‘राष्ट्रपिता’ का सम्मान

नेताजी ने ही दिया था गांधीजी को ‘राष्ट्रपिता’ का सम्मान

स्मृति-शेष
नेताजी की1 26वीं जन्मजयंती पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी आज भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी क्रांतिवीर नेता सुभाष चन्द्र बोस की 126वीं जन्म जयंती है. समूचा देश नेता जी की इस जयंती को 'अगाध श्रद्धाभाव से मना रहा है. 'नेताजी' के नाम से विख्यात सुभाष चन्द्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता because आंदोलन के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखे जाने योग्य है. उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान,भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये 21अक्टूबर,1943 को 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' का गठन किया.इस संगठन के प्रतीक चिह्न पर एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था. इस संगठन का राष्ट्रीय गीत था- हरताली “क़दम-क़दम बढाए जा, खुशी के गीत गाए जा” जिसे गुनगुना कर संगठन के सेनानी जोश और उत्साह से भर उठते थे. उनके द्वारा दिया गया 'जय हिन्द' का नारा आज भी भारत का राष्ट्...
‘पत्थरों का उपासक, प्रकृति का पुजारी’

‘पत्थरों का उपासक, प्रकृति का पुजारी’

पुस्तक-समीक्षा
डॉ. अरुण कुकसाल ‘सबकी अपनी जीवन कहानी होती है और सबका अपना संघर्ष होता है, सबके अपने सौभाग्य और सफलताएं होती हैं, तो अवरोध और असफलताएं भी. फिर भी हर जीवन अपने जमाने से प्रभावित होता है. अनेक जीवन अपने जमाने को जानने और बनाने में बीत जाते हैं और उनके जीवन को जमाना यों ही सोख लेता है... ऐसा ही इन पन्नों में एक सामान्य सा पर असाधारण जीवन पसरा है. कितना तो गुम भी गया होगा, पर जितना आ सका है पठनीय है और प्रेरक भी... किसी आत्मकथा को पढ़ना उस व्यक्ति को जानने-समझने के साथ उसके अन्तःमन में छिपे-दुबके अनेकों व्यक्तियों को जानना-समझना भी होता है. व्यक्ति जो दिखता है और व्यक्ति जो होता है, में एक छोटा-लम्बा जैसा भी हो पर फासला होता है. यही फासला व्यक्ति के सुख-दुःख और सफलता-असफलता का कारक भी है. आत्मकथा की शब्द-यात्रा पाठक को इन्हीं कारकों और उनसे उपजे व्यक्तित्वों से परिचय कराती है.  बहरा...