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शिवसेना के संजय राउत के बयान से कांग्रेस-एनसीपी में मची खलबली, बुलाई बैठक

शिवसेना के संजय राउत के बयान से कांग्रेस-एनसीपी में मची खलबली, बुलाई बैठक

मुंबई/नई दिल्ली : महाराष्ट्र मामले में हर पल एक नया मोड़ आ रहा है. यह कहना मुश्किल है अभी अघाड़ी सरकार रहेगी, या गिर जाएगी. शिवसेना का बागी गुट बहुमत का दावा कर रहा है. दूसरी ओर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने दावा किया है कि बागी विधायक लौटेंगे. उन्होंने कहा कि कम से कम 20 विधायक उनके टच में हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कह दिया कि अगर शिवसेना के विधायक चाहते हैं कि वे अघाड़ी को छोड़ दें, तो पार्टी तैयार है, बशर्ते वे मुंबई आकर अपनी बात रखें. उनके इस बयान को लेकर गठबंधन के दूसरे दलों में हलचल मच गई है. कांग्रेस और एनसीपी इसे लेकर असहज है. दोनों दलों ने अपने-अपने विधायकों की बैठक बुलाई है.

एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि वह उद्धव ठाकरे के साथ हैं. पाटिल ने कहा कि वह आखिरी क्षण तक महाविकास अघाड़ी सरकार को बचाने का प्रयास करेंगे. पाटिल ने यह भी कहा कि संजय राउत ने ऐसा क्यों कहा, मुझे पता नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक शिवसेना ने हमें इस मुद्दे पर सीधे कुछ नहीं कहा है.

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हम शिवसेना के साथ भाजपा को रोकने के लिए आए थे. लेकिन अब जो गेम हो रहा है वह ईडी की वजह से हो रहा है. पटोले ने कहा कि हमारी सरकार बहुमत साबित करने के लिए तैयार है. हम अघाड़ी के साथ हैं और उसमें बने रहेंगे. फिर भी शिवसेना यदि किसी भी अन्य दल के साथ गठबंधन बनाना चाहती है, तो हमें इस पर कोई ऐतराज नहीं है.

हालांकि, दिल्ली में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि हम महाविकास अघाड़ी के साथ हैं. उन्होंने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी तीनों ही दल साथ हैं. खड़गे ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गिराने की पूरी कोशिश चल रही है. उन्होंने कहा कि ये भाजपा का खेल है, वो तोड़-मोड़ कर सरकार को गिराना चाहती है. खड़गे ने कहा कि पहले विधायकों को सूरत लेकर गए, उसके बाद गुवाहाटी..वहां दोनों जगह किसकी सरकार है ? बीजेपी एक स्थिर सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है, बीजेपी चाहती है कि देश में कोई भी गैर भाजपा राज्य सरकार न रहे. बीजेपी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपनी सत्ता वहां लाना चाहती है, महाराष्ट्र बहुत बड़ा राज्य है, हम तीनों पार्टी मिलकर रहेंगे, मिलकर लड़ेंगे और साथ रहेंगे.

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