रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर पपड़ासू-खांखरा बाईपास का निर्माण कार्य तीन वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. साथ ही यहां प्रस्तावित तीन मोटर पुलों का कार्य भी कछुआ गति से चल रहा है. पहले मोटर पुल का निर्माण जहां सिर्फ तीस फीसदी ही हो पाया है, वहीं अन्य दो पुलों का कार्य अभी एबेडमेंट खुदाई तक सिमटा है. बदरीनाथ हाईवे पर सिरोहबगड़ भूस्खलन जोन लगभग चार दशक से परेशानी का सबब बना है. बीआरओ की ओर से यहां पहाड़ी से भूस्खलन रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए, मगर स्थायी ट्रीटमेंट नहीं हो पाया.
यह, पुल जिले का सबसे लंबा मोटर पुल होगा. जबकि चित्रमति नदी पर प्रस्तावित 162 मीटर स्पान वाले तीसरे पुल के लिए खुदाई जोरों पर है, जिसके लिए पूरी पहाड़ी को भी खोद दिया गया है. जिस तरह से पुल निर्माण के लिए झाड़ियों का कटान कर खुदान हो रहा है, उससे बरसाती सीजन में भूस्खलन होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. साथ ही मलबा चित्रमति नदी में डाला जा रहा है, जिससे कई जगहों पर पानी का बहाव रुक रहा है, जिस पर लोगों ने भी रोष जताया है. खांकरा के पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र ममगाईं एवं उक्रांद नेता बुद्धिबल्लभ ममगाईं ने कहा कि पपड़ासू-खांखरा बाईपास के निर्माण में एनएच व कार्यदायी संस्था की ओर से मानकों की अनदेखी की जा रही है. एनएच के सहायक अभियंता अनिल बिष्ट ने बताया कि पूर्व में स्थानीय स्तर पर विवाद के चलते कार्य प्रभावित हुआ है. अब चरणबद्ध तरीके से एक वर्ष में कार्य पूरा कर दिया जाएगा.