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एक ‘चूक’ के डैमेज कंट्रोल के लिए उतरे मोदी के सिपहसालार

एक ‘चूक’ के डैमेज कंट्रोल के लिए उतरे मोदी के सिपहसालार

स्वराज इंडिया से योगेंद्र यादव ने केंद्र की उस ‘चूक’ की तरफ इशारा किया है। उनका कहना है, युवाओं के जीवन को तबाह कर रहे बेरोजगारी के संकट को दूर करने के लिए ठोस उपाय करने के बजाय, मोदी सरकार ने एक बार फिर बिना किसी विचार-विमर्श के एक लापरवाह योजना को देश पर थोप दिया है।

सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया है। अधिकांश विपक्षी दल इसके खिलाफ मैदान में डटे हैं। जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार की एक ‘चूक’ के डैमेज कंट्रोल के लिए प्रधानमंत्री मोदी के तमाम सिपहसालार मैदान में उतरे हैं। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर भाजपाई मुख्यमंत्री, ‘अग्निपथ’ का बचाव कर रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, जो ईडी दफ्तर में लगातार पेशी दे रहे थे, उन्हें भी अग्निपथ पर मचे बवाल से ऑक्सीजन मिल गई है। अब कांग्रेस के बड़े नेताओं ने ‘अग्निवीरों’ पर फोकस कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं दूसरे मंत्रियों एवं मुख्यमंत्री लगातार इस मुद्दे पर सरकार का बचाव कर रहे हैं। यहां तक कि तीनों सेनाओं के चीफ भी अपने अपने तरीके से ‘अग्निपथ एवं अग्निवीर’ को बेहतरीन बताने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने अग्निपथ को लेकर केंद्र और भाजपा पर आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है।

बिना किसी विचार-विमर्श के एक लापरवाह योजना थोप दी गई
स्वराज इंडिया से योगेंद्र यादव ने केंद्र की उस ‘चूक’ की तरफ इशारा किया है। उनका कहना है, युवाओं के जीवन को तबाह कर रहे बेरोजगारी के संकट को दूर करने के लिए ठोस उपाय करने के बजाय, मोदी सरकार ने एक बार फिर बिना किसी विचार-विमर्श के एक लापरवाह योजना को देश पर थोप दिया है। सरकार को यह योजना तुरंत वापस ले लेनी चाहिए। जब इस सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन कानून बनाए तो उससे पहले किसानों की सलाह नहीं ली थी। एकाएक, उन कानूनों को संसद में पास कर किसानों पर थोप दिया गया। बाद में क्या हुआ था और सरकार को कैसे बैकफुट पर आना पड़ा, ये बात सभी जानते हैं। अगर, सरकार ऐसी योजना लाने से पहले युवाओं को भरोसे में ले लेती तो क्या बिगड़ जाता। सैन्य पेंशन बजट और स्थायी कमीशन के आकार को कम करने के उद्देश्य से बनी यह योजना सशस्त्र बलों की दक्षता के साथ समझौता करेगी। बेरोजगारी की समस्या को और बढ़ाएगी। यह अति विशिष्ट भारतीय सशस्त्र बल को कांट्रेक्ट कार्य में बदल देगा। अग्निपथ योजना युवाओं की आकांक्षाओं के साथ धोखा है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।

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