बच्चों को रोज कराएं ये ब्रीदिंग एक्सरसाइज, दूर रहेंगी कई बीमारियां

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पेरेंट्स अपने बच्चों को सफल हमेशा जिंदगी के हर मोड़ पर सफल होते हुए देखना चाहते है। अपनी समझ से वह अपने बच्चे का हर संभव ख्याल रखते है ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो और वह अपने जीवन में बेहतर कर पाएं लेकिन कई बार बच्चों को छोटी उम्र में सांस से संबंधी समस्याएं होने लगती है। वह  कुछ देर खेलने, दौड़ने और चलने में थक जाते है। उनकी सांस फूलने लगती है। आपको इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह पोषण की कमी या किसी गंभीर समस्या के कारण हो सकते है। इसके लिए आप उन्हें डॉक्टर के पास तो जरूर ले जाएं लेकिन घर पर भी उपयुक्त पोषण के साथ उन्हें ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करे। इससे बच्चों को कई फायदे होते है।

ब्रीदिंग एक्सरसाइज से बच्चों को मानसिक शांति और शरीर पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। साथ ही वह समस्याओं से भी बेहतर ढंग से निपट पाते है और इससे उनके फेफड़े और हृदय भी मजबूत होते हैं। हालांकि हम जानते है कि बच्चों को एक्सरसाइज करना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन आप इन आसान और मजेदार एक्सरसाइज की मदद से बच्चों को ये करवा सकते है। आइए विस्तार से जानते है बच्चों के लिए कुछ खास ब्रीदिंग एक्सरसाइज के बारे में।

1. आराम से सांस लेने को कहें

बच्चों के लिए सरल एक्सरसाइज ज्यादा फायदेमंद होती है, जिसे वह ठीक ढंग से कर पाते हैं। इसके लिए आप उन्हें किसी आरामदायक जगह पर बैठने को कहें। जैसे गार्डन, कुर्सी या घर पर पैरों को मोड़कर बैठने को कहें। हालांकि उन्हें पीठ को सीधा रखने के लिए प्रेरित करें। फिर उन्हें अपनी आंखों को बंद करके गहरी सांस लेने को कहें। इस दौरान उन्हें अपनी पसंदीदा चीजों को सोचने को कहें ताकि भटकाव ज्यादा न हो। बच्चों को धीरे-धीरे सांस अंदर लेने को कहें और फिर उसी क्रम में छोड़ें। इससे उनकी सांस की समस्याओं में काफी आराम मिल सकता है और मन को शांत रखने में मदद मिलती है।

2. फूल को फूंकना

बच्चों को खेल-खेल में भी आप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करवा सकते है। इसके लिए उन्हें घर के बागीचे और दोस्तों के साथ करने के लिए भी प्रेरित कर सकते है। इसमें बच्चों को ऐसा सोचने को कहें कि जैसे उन्होंने हाथों में एक फूल पकड़ा है और उसे सूंघ रहे हैं। इस दौरान लंबी सांस अंदर लेने को कहें और फिर धीरे-धीरे मुंह से फूंककर उसकी पंखुड़ियों को उड़ाने की जैसी क्रियाएं करें। इससे श्वसन क्रिया मजबूत होती है। साथ ही बच्चों में कल्पना शक्ति का विकास होता है। इसे पेरेंट्स भी बच्चों के साथ कर सकते हैं।

इस एक्सरसाइज में बच्चे माउंटेन पोज़ में लम्बे खड़े हो जाएं और गहरी सांस लें। फिर अपने दोनों पैरों के बीच कुछ दूरी बनाएं। अपने हाथों को अपने शरीर के सामने आपस में जोड़ लें। अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाते हुए लंबी सांस लें। फिर अपने मुंह से सांस छोड़ें और अपने हाथों को अपने पैरों के बीच बलपूर्वक नीचे ले जाएँ। अपने सिर को लटकाएं और शरीर के सभी तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर एक्सरसाइज करने के दौरान आपको सहज महसूस हो, तो बच्चों को इसे फिर से दोहराने को कहें। इससे शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा और लचीलापन आता है। साथ ही पेट की चर्बी कम करने में भी यह सहायक हो सकता है। इस एक्सरसाइज से बच्चों में मोटापा की परेशानी नहीं आती है।

मधुमक्खी सांस का अभ्यास करने के लिए रीढ़ और अपने कंधों को आरामदायक अवस्था में रखें। अपनी आँखें बंद करें। मन और शरीर को शांत करते हुए गहरी साँसें लें। इस दौरान अपने मुंह को बंद करके अपनी नाक से सांस लें और छोड़ें। जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, अपना मुंह बंद रखें और मधुमक्खी की तरह भिनभिनाते हुए “मम्म” की ध्वनि निकालें। फिर इसी तरह कुछ सेकेंड सांस लें और छोड़ें। इससे बच्चों में सांस संबंधी समस्याएं दूर होती है और लंबे समय तक गले में भी आराम महसूस होता है। इस एक्सरसाइज को करते हुए बच्चों को काफी आनंद भी आता है और वह एक्सरसाइज करना बोझ नहीं समझते हैं।

5. गहरी सांस लें

इस अभ्यास को करने के लिए बच्चों को आरामदायक मुद्रा में बैठने को कहें। फिर अपने दाहिने हाथ को अपने पेट पर और अपने बाएं हाथ को अपनी छाती पर रखें। चार की गिनती तक गहरी सांस लेने को कहें और फिर अपने होठों को बंद करके नाक से सांस छोड़ने को कहें। इस दौरान वह पीठ के बल जमीन पर लेट भी सकते हैं। इससे उनके शरीर में नयी ऊर्जा का संचार होता है और अस्थमा की समस्या में आराम मिल सकता है। यह एक्सरसाइज सुबह कराने की कोशिश करें, जब बच्चे ने कुछ खाया न हो।

बच्चों को एक्सरसाइज के दौरान अपने शरीर को बिल्कुल आराम की मुद्रा में रखने को कहें। साथ ही उन्हें अधिक खाने या पीने को न दें। इसके अलावा अधिक देर तक सांस अंदर रोकने को न कहें। अगर उन्हें एक्सरसाइज के दौरान अधिक परेशानी हो और आप समझा नहीं पा रहे हैं, तो एक्सपर्ट ट्रेनर की मदद लें।

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