वर्धा में अवैध गर्भपात कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 11 खोपड़ी, 54 हड्डियां बरामद

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महाराष्ट्र (Maharashtra) के वर्धा (Wardha) जिले में एक प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital) के बायोगैस प्लांट (Biogas Plant) से बड़ी संख्या में भ्रूणों (Fetuses) के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया है. सब इंस्पेक्टर ज्योत्सना गिरी ने बताया कि वर्धा के अरवी के एक प्राइवेट अस्पताल के बायोगैस प्लांट से एक अवैध गर्भपात के मामले की जांच के दौरान 11 खोपड़ी और भ्रूणों की 54 हड्डियां मिलीं हैं. अस्पताल निदेशक रेखा कदम और उनके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये खुलासा 13 साल की बच्ची के अवैध गर्भपात की जांच के दौरान हुआ है.

पुलिस ने कहाकि वहां से दागदार कपड़े, बैग, खुदाई के लिए इस्तेमाल किए गए फावड़े और वहां फेंके गए अन्य साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं. इन्हें इकट्ठा कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. महिला जांच अधिकारियों की टीम सहायक पुलिस निरीक्षक वंदना सोनूने और पुलिस उप निरीक्षक ज्योत्सना ने कहा कि आरवी पुलिस को 4 जनवरी को मामले की जानकारी मिली. इस टीम ने अपने स्थानीय स्त्रोतों से जानकारी के आधआर पर छानबीन की और अंत में नाबालिग लड़की का पता लगाकर उसके माता-पिता से पूरी जानकारी हासिल की. लड़की के परिवार को लड़के के परिवार की तरफ से चुप रहने की धमकी दी गई थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सहायक पुलिस निरीक्षक सोनुने ने बताया कि हमने उनसे बातचीत की और पूरा आश्वासन दिया कि उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी. इसके बाद वो लड़की के अवैध गर्भपात के पांच दिन बाद इस मामले में 9 जनवरी को पहली रिपोर्ट दर्ज करने के लिए सहमत हो गए. इस शिकायत के आधार पर एक पुलिस टीम ने कदम अस्पताल पर छापा मारा और इसकी निदेशक रेखा नीरज कदम और नर्स संगीत काले को गिरफ्तार किया. इन दोनों ने इस काम में मदद की थी और 30 हजार रुपए वसूले थे.

लड़की के परिवार को मिली थी धमकी

पुलिस ने लड़के के माता-पिता कृष्णा सहे और उनकी पत्नी नल्लू को भी धर दबोचा. उन्होंने नाबालिग लड़की को गर्भपात के लिए मजबूर करने और उसके परिवार को इसके बारे में बात करने पर गंभीर परिणाम भुगतने के लिए धमकाया था. इन चारों आरोपियों को इस हफ्ते दो दिनों के लिए पुलिस ने रिमांड पर लेकर जब उनसे पूछताछ की तो उन्होंने सब बता दिया और इसके बाद उन्हें बायोगैस संयंत्र और उसके आसपास ले गई. एपीआई सोनुने ने कहा कि ये बेहद गंभीर हैं. हमें संदेह है कि इसके बड़े परिणाम हो सकते हैं. यहां बेट बचाओ अभियान की 2012 में अगुवाई करने वाले पुणे के जाने माने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गणेश ऱख ने इस घटना की कड़ी निंदा करने हुए कहा कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए.

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