
देहरादून: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत को रविवार को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था. हरक सिंह की बर्खास्तगी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पहला बयान आया है. सीएम धामी ने कहा कि हरक सिंह रावत टिकटों को लेकर पार्टी पर दबाव बना रहे थे. हरक सिंह अपने परिवार के सदस्यों को टिकट दिलाना चाह रहे थे.
इनके लिए टिकट मांग रहे थे हरक सिंह: हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति गुसाईं रावत के लिए लैंसडाउन से टिकट मांग रहे थे. चर्चा है कि वो यमकेश्वर और केदारनाथ सीट से भी टिकट की मांग कर रहे थे. उनकी ये मांगें बीजेपी को बिल्कुल मंजूर नहीं थी. भारतीय जनता पार्टी ‘एक परिवार-एक टिकट’ के फॉर्मूले पर ही अडिग थी. बताया जा रहा है कि इसी की वजह से हरक सिंह रावत टिकट वितरण के लिए चल रही मीटिंग में भी शामिल नहीं हुए थे. उनकी इसी हरकत से पार्टी हाईकमान नाराज हुआ. इसके साथ ही हरक सिंह रावत को सरकार से बर्खास्त और पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया.
15 जनवरी को मीटिंग में नहीं पहुंचे थे: 15 जनवरी को बीजेपी कोर कमेटी की टिकट वितरण को लेकर देहरादून में मीटिंग थी. हरक सिंह रावत इस मीटिंग में नहीं पहुंचे थे. जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि उन्हें मीटिंग की जानकारी नहीं दी गई थी. उधर उत्तराखंड बीजेपी के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी का कहना था कि उन्होंने हरक सिंह रावत को फोन किया था. उनका फोन नहीं लगा था.