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क्या पंजाब में आतंक फैलाना चाहते थे लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़?

क्या पंजाब में आतंक फैलाना चाहते थे लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़?

नई दिल्ली : पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में गिरफ्तार शूटर अंकित से दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की पूछताछ दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी है। पूछताछ के आधार पर दिल्ली पुलिस इस हत्याकांड में फरार तीन अन्य आरोपितों के बारे में भी पता लगाएगी।

जांच में पता चला है कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और सचिन भिवानी समेत इस गिरोह के कई बदमाशों ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आतंक फैलाने से संबंधित ढेर सारी पोस्ट की हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बहाने कहीं पंजाब में अशांति फैलाने की साजिश तो नहीं थी।

इस बीच दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल फरार बदमाशों की तलाश में छह राज्यों में छापेमारी की कार्रवाई जारी है। वहीं, सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल तीसरा शूटर भी गिरफ्तार कर लिया गया है। शूटर अंकित को आश्रय देने वाले सचिन को भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है।

यहां पर बता दें कि कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल तीसरे शूटर व एक अन्य को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कश्मीरी गेट इलाके से गिरफ्तार किया। इनकी पहचान सोनीपत के सेरसा गांव के अंकित और भिवानी के बोहल गांव के सचिन चौधरी के रूप में हुई।

इन दोनों शातिरों के पास से दो पिस्टल, 19 कारतूस और पंजाब पुलिस की तीन वर्दी बरामद हुई हैं। दोनों पर पहले से संगीन धाराओं में राजस्थान और हरियाणा में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

यह भी जानकारी हासिल हुई है कि दोनों बदमाश लारेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। शूटर अंकित ने मूसेवाला पर अपने दोनों हाथों से सबसे नजदीक जाकर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। सचिन चौधरी ने शूटरों को आश्रय दिया था।

अंकित उन छह शूटरों में से एक है जिसने सिद्धू मूसेवाला पर फायरिंग की थी। सचिन ने हत्या के लिए चार शूटरों का इंतजाम किया था। अंकित के खिलाफ राजस्थान में हत्या प्रयास के दो मामले दर्ज हैं।

सबसे कम उम्र का शूटर है अंकित

अधिकारी के मुताबिक, महज साढ़े 18 साल का अंकित हत्या में शामिल छह शूटरों में सबसे कम उम्र का है। अंकित ने हत्या करी पहली वारदात को अंजाम दिया है। इससे पहले वह हत्या के प्रयास के दो मामलों में शामिल रहा है। छह माह पहले ही लारेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह में शामिल हुआ था। हत्या के बाद जहां-जहां शूटर छिपे वहां पर अंकित ने मूसेवाला का नाम कारतूस से लिखकर फोटो भी खिंचवाई। शूटरों ने वारदात के बाद हथियार लहराते हुए एक वीडियो भी बनाया था।

विदेश से मिल रहा था निर्देश

पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रियव्रत को लगातार विदेश से निर्देश मिल रहा था। पहली इंटरनेट काल घटना से एक दिन पहले दोपहर को की गई। दूसरी काल घटना से कुछ घंटे पहले की गई। इसमें बताया गया कि मूसेवाला के घर का गेट खुल गया है। तीसरी काल की गई और बताया गया कि मूसेवाला घर से निकल चुका है। सुरक्षाकर्मी भी नहीं है।

सचिन सभी बदमाशों को छिपाने के लिए गुजरात के कच्छ लेकर गया। वहां पर प्रियव्रत मास्क नहीं पहन रहा था। बिना मास्क वह बाहर भी घूमता था। ऐसे में अंकित और दीपक छिपने के लिए अलग जगह चले गए। इसके कुछ ही दिन बाद सेल ने आरोपित प्रियव्रत, काशिश और केशव को गिरफ्तार कर लिया था।

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