वो लड़की गांव की भाग- 1 एम जोशी हिमानी एक कहावत है ‘ सुखद दाम्पत्य जीवन का बहुत बड़ा वरदान है’. बहुत भाग्यशाली होते हैं वे लोग, जिनके जीवन में यह कहावत चरितार्थ होती है. मैं भी भाग्यशाली हूं कि मैं ने अपनी आंखों से अपने आमा-बडबौज्यू (दादा-दादी) का ऐसा दाम्पत्य देखा है. बहुत से […]
संस्मरण
वो बचपन की सारी यादें… दीपशिखा गुसाईं ‘दीप’ आज फिर उसी पगडण्डी से होते हुए चलती हुई उन यादों में खो जाती हूँ, अपने गांव और गांव के नीचे बहती अलकनंदा की कलरव करती मधुर आवाज, सामने वही मेरा दृढ पहाड़, वही मेरे गांव के सरसों के खेत मानों मेरे आने पर पीली ओढ़नी ओढ़े […]
ललित फुलारा मैं कुंवर चंद जी के साथ रात के because तीसरे पहर में सुनसान घाटी से आ रहा था. यह पहर पूरी तरह से तामसिक होता है. कभी भूत लगा हो, तो याद कर लें रात्रि 12 से 3 बजे का वक्त तो नहीं! अचानक कुंवर चंद जी मुझसे बोले ‘अगर ऐसा लगे कि […]
स्मृतियों के उस पार… सुनीता भट्ट पैन्यूली पहाड़, नदी because और खेत पहाड़ी लोग और उनके जीवन के बीच बना हुआ अनंत सेतु है जिस पर आवाजाही किये बिना पहाड़ी लोग जीवन की जटिलता को भोगकर स्वयं के लिए सुगम रास्ता नहीं बना सकते. कहना ग़लत न होगा पहाड़, नदी, और खेत तप-स्थल हैं because पहाड़ियों […]
हर परिवर्तन के साक्षी बने हुए हैं हिमाच्छादित हिमालय शिव स्वरूप नीलम पांडेय ‘नील’ काफी समय बाद बस से यात्रा की. because यात्रा देहरादून से रानीखेत की थी. मैदान से पहाड़ों की बसों में बजाए जाने वाले गीत कुछ इस प्रकार होते हैं, एक उदाहरण के तौर पर जैसे देहरादून से हरिद्वार तक देशी छैल […]
जवाबदेही की अविस्मरणीय यात्रा – अंतिम किस्त सुनीता भट्ट पैन्यूली वक़्त की हवा ही कुछ इस तरह से बह रही है because कि किसी अपरिचित पर हम तब तक विश्वास नहीं करते जब तक कि हम आश्वस्त नहीं हो जायें कि फलां व्यक्ति को हमसे बदले में कुछ नहीं चाहिए वह नि:स्वार्थ हमारी मदद कर […]
सुनीता भट्ट पैन्यूली कोई अदृश्य शक्ति किसी because हादसे के उपरांत स्वयं को संबल देने या मज़बूत बनाने की प्रक्रिया के अंतर्गत भावनाओं का उत्स है, यह किसी अदृश्य, दैवीय शक्ति को नकारने वालों का मत हो सकता है किंतु अपने संदर्भ में कहूं तो मेरा हृदय सहर्ष स्वीकार करता है कि मैंने जिंदगी में किसी […]
स्व. कला बिष्ट की एथेंस (यूनान) यात्रा का रोचक वृत्तांत, अंतिम भाग स्व. कला बिष्ट 11 अक्टूबर,1992 आज क्रूज का दिन है. because क्रूज अर्थात समुद्र यात्रा. हमारे दल में श्रीमती कमला चन्द नासिक से आई हैं. कुछ वर्ष पूर्व में समाजसेवा भ्रमण में सीढ़ियां से गिर पड़ी थी. रीढ़ की हड्डी में चोट आई, […]
स्व. कला बिष्ट की एथेंस (यूनान) यात्रा का रोचक वृत्तांत, भाग—2 स्व. कला बिष्ट 07 अक्टूबर, 1992 महिलाओं की समस्या परbecause वर्कशॉप चल रही है, जिसमें ग्रुप डिस्कसन हो रहा है. मुख्य विषय निम्न हैं:- गर्ल चाइल्ड व because महिलाओं के सामाजिक, राजनैतिक अधिकार. महिलाओं को because पुरूषों के समान शिक्षा. बढ़ती because जनसंख्या पर […]
भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय नैनीताल की संस्थापक प्रधानाचार्य स्व. कला बिष्ट ने वर्ष 1992 में ऑल इण्डिया वीमेन्स कान्फ्रेंस की सचिव की हैसियत से देश की 8 महिलाओं के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती शोभना रानाडे के नेतृत्व में एथेन्स (यूनान) में प्रतिभाग किया. so अवसर था ’इन्टरनेशनल एलाइन्स ऑफ वीमेन्स’ की 29वीं कांग्रेस का अधिवेशन. […]
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