उत्तराखंड में अगले साल से वाहनों की ऑटोमैटिक फिटनेस जांच हुई अनिवार्य

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उत्तराखंड में अगले साल से वाहनों की ऑटोमैटिक फिटनेस जांच अनिवार्य हो गई है। आठ साल तक की पुराने वाहनों की हर दो साल में फिटनेस जांच होगी, जबकि आठ साल से अधिक पुराने वाहनों की हर साल फिटनेस जांच होगी। परिवहन मंत्रालय की अधिसूचना के बाद इसे लागू कर दिया गया है।

फिटनेस जांच के लिए प्रदेश में चार ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) बनने जा रहे हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 में एक संशोधन किया है। इसके तहत सभी भारी माल वाहनों और भारी यात्री वाहनों की ऑटोमैटिक फिटनेस जांच एक अप्रैल 2023 से अनिवार्य होगी। इसी प्रकार, मध्यम माल वाहनों, मध्यम यात्री वाहनों और परिवहन में इस्तेमाल होने वाले हल्के मोटर वाहनों के लिए ऑटोमैटिक फिटनेस जांच एक जून 2024 से अनिवार्य होगी।

मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जो वाहन आठ साल तक पुराने होंगे, उन्हें एक बार फिटनेस जांच कराने पर दो साल के लिए रिन्यूअल मिलेगा। जो वाहन आठ साल से अधिक पुराने होंगे, उन्हें हर साल फिटनेस जांच करानी होगी और सर्टिफिकेट लेना होगा।

प्रदेश में बन रहे चार फिटनेस सेंटर

ऑटोमैटिक फिटनेस के नियम को अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए प्रदेश में चार फिटनेस सेंटर बनने जा रहे हैं। इनमें से देहरादून और रुद्रपुर के दो ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर के लिए तो बजट जारी हो चुका है। हरिद्वार और हल्द्वानी में पीपीपी मोड में दो फिटनेस सेंटर बनाए जाने हैं, जिसकी प्रक्रिया अभी चल रही है। उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया कि पीपीपी मोड वाले फिटनेस सेंटर को लेकर जल्द ही बैठक होने जा रही है।

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