
JNU VC Disgrace Hindu God: देश की सबसे प्रचलित यूनिवर्सिटी मे से एक ‘ जवाहलाल नेहरू यूनिवर्सिटी’ एक बार फिर चर्चा में है। अक्सर देश और मानवता के विरोध के आवाज़ लगाने वाला जेएनयू एक बार फिर सजीव हो गया है। देश के टुकड़ो के नारो से लेकर हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान तक, जेएनयू में वो सब होता है जिससे लोगो के आपसी झगड़े होने के पूरे अनुमान होते है।
दरअसल, इस बार भी मामला कुछ ऐसा ही है। लेकिन इस बार ये पूरा मामला किसी स्टूडेंट या किसी छात्र नेता की वजह से नहीं बल्कि खुद जेएनयू की VC की वजह से है। JNU की वीसी एक कार्यक्रम में कुछ ऐसा बोल गई, जो हिन्दुओ की भावना को ठेस पहुँचाने वाला है।
शिव के पास पहनने के लिए बहुत कम कपड़े
जेएनयू की वीसी ने 9 साल के एक दलित लड़के के साथ हाल ही में हुई जातीय हिंसा की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ‘कोई भी भगवान ऊंची जाति का नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘आप में से अधिकांश को हमारे देवताओं की उत्पत्ति को मानव विज्ञान की दृष्टि से जानना चाहिए.
कोई भी देवता ब्राह्मण नहीं है, सबसे ऊंचा क्षत्रिय है. भगवान शिव अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से होने चाहिए क्योंकि वह एक सांप के साथ एक श्मशान में बैठते हैं और उनके पास पहनने के लिए बहुत कम कपड़े हैं. मुझे नहीं लगता कि ब्राह्मण श्मशान में बैठ सकते हैं.’
मनुस्मृति पर शांतिश्री ने कही ये बात
शांतिश्री ने मनुस्मृति को लेकर कहा कि मैं सभी महिलाओं को बताना चाहती हूं कि मनुस्मृति के अनुसार सभी महिलाएं शूद्र हैं। इसलिए कोई भी महिला ये दावा नहीं कर सकती कि वह ब्राह्मण या कुछ और है। जबकि महिला को जाति केवल पिता से या विवाह के जरिए पति की मिलती है।