
एलआईसी आईपीओ चार मई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और नौ मई तक इसे पॉलिसी धारकों, खुदरा और अन्य निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था। लेकिन ग्रे-मार्केट में गिरती शेयरों की वैल्यू को लेकर पहले से इसके डिस्काउंट पर लिस्ट होने का अनुमान जताया जा रहा था। हुआ भी ऐसा ही, मंगलवार को कंपनी के शेयर आठ फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ बीएसई-एनएसई पर लिस्ट हुए। इस गिरावट से निवेशकों को बड़ा झटका लगा है।
बाजार पूंजीकरण में आई इतनी गिरावट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, शेयर बाजार में लिस्ट होने के कुछ ही मिनटों में कंपनी के निवेशकों की संपत्ति में 42,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ, क्योंकि कमजोर लिस्टिंग के परिणामस्वरूप इसका बाजार पूंजीकरण शुरुआती कारोबार में घटकर 5.57 लाख करोड़ रुपये हो गया। बता दें कि निर्गम मूल्य पर बाजार पूंजीकरण छह लाख करोड़ रुपये से अधिक था। शेयर ने शुरुआती दौर में इश्यू प्राइस पर 6,00,242 करोड़ रुपये के मुकाबले 5,57,675.05 करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण हासिल किया।
इतना टूटकर लिस्ट हुआ एलआईसी का शेयर
गौरतलब है कि देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के शेयर मार्केट में डिस्काउंट पर लिस्ट हुए। कंपनी के शेयर बीएसई पर 81.80 रुपये डिस्काउंट यानी 8.62 फीसदी टूटकर 867.20 रुपये पर लिस्ट हुए हैं। जबकि, एनएसई पर शेयर 8.11 फीसदी की गिरावट के साथ 872 रुपये पर लिस्ट हुए हैं। लिस्टिंग से पहले एलआईसी के शेयर प्री मार्केट में 12 फीसदी तक टूट गए थे। बीएसई पर बीमा कंपनी के शेयर 12.54 फीसदी के नुकसान के साथ 830 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे।
आईपीओ हुआ था 2.94 गुना सब्सक्राइब्ड
एलआईसी आईपीओ की बिडिंग 4 से 9 मई के बीच हुई थी। इस दौरान एलआईसी आईपीओ को 2.94 गुना सब्सक्राइब किया गया था। बता दें कि सरकार ने अपने पूर्ण स्वामित्व वाली एलआईसी में आईपीओ के माध्यम से 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची है। विदेशी निवेशकों को छोड़ दें तो इस आईपीओ को सभी निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने आईपीओ के जरिए करीब 20,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसके शेयरों की कीमत 902-949 रुपये प्रति शेयर निर्धारित की गई थी।
लंबी अवधि के लिए निवेश फायदेमंद
एलआईसी के शेयरों की बाजार में भले ही कमजोर लिस्टिंग हुई हो और इसने निवेशकों को उम्मीदों को तोड़ा हो, लेकिन इसके बावजूद भी बाजार विशेषज्ञ इसे फायदे का सौदा करार दे रहे हैं। शेयर बाजार के मामलों के विशेषज्ञ अनुज गुप्ता की मानें तो निवेशकों को अभी शेयर होल्ड करने चाहिए। इसके अलावा जिनको अलॉटमेंट नहीं हुआ है उनके लिए डिस्काउंट प्राइस पर शेयरों को खरीदना बेहद फायदेमंद हो सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उम्मीद है कि एलआईसी का शेयर 1200 से 1300 रुपये के स्तर को छू सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें लंबी अवधि का निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है।
भारत की पांचवीं बड़ी कंपनी बनी
एलआईसी की बाजार वैल्यू छह लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन शेयरों के गिरावट के कारण फिलहाल इसका बाजार पूंजीकरण 5.6 लाख करोड़ रुपये है। लेकिन मार्केट कैप के हिसाब से एलआईसी भारत की टॉप-5 कंपनियों में शामिल हो चुकी है। यहां बता दें कि इन पांच कंपनियों में एलआईसी के अलावा, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक और इंफोसिस है।