बागेश्वर के गांव कुंवारी की शंभू नदी पर मलवे से बनी कृतिम झील, हादसे से आगाज़

0
91

बागेश्वर जिले के अंतिम गांव कुंवारी से करीब दो किमी आगे भूस्खलन के मलबे से शंभू नदी पट गई है। इससे यहां झील बन गई है। झील का आकार दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। समय रहते मामले का संज्ञान नहीं लिया गया तो बरसात या उससे पहले बड़ा हादसा हो सकता है।

कपकोट के आपदाग्रस्त गांव कुंवारी की पहाड़ी से समय-समय पर भूस्खलन होता रहता है। वर्ष 2013 में भी भूस्खलन के कारण गांव की तलहटी पर बहने वाली शंभू नदी में झील बन गई थी। बारिश में नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी में जमा मलबा बह गया और खतरा टल गया था। वर्ष 2018 में एक बार ऐसे ही हालात बने। नदी में भारी मात्रा में मलबा जमा होने के बाद फिर से झील आकार लेने लगी।

क्षेत्रवासियों का कहना हैै कि तब से झील का आकार बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में झील करीब 500 मीटर लंबी और 50 मीटर चौड़ी हो चुकी है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि झील की लंबाई इससे कहीं अधिक होगी। झील गहरी कितनी है, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है।

कुंवारी की ग्राम प्रधान धर्मा देवी और सामाजिक कार्यकर्ता खीम सिंह दानू बताते हैं कि भूस्खलन के कारण मलबा और बोल्डर गिरने से झील बनी है। उनका दावा है कि झील के संबंध में जनप्रतिनिधियों और प्रशासन तक को जानकारी है। बावजूद इसके इस दिशा में कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर बारिश के दौरान झील टूटी तो चमोली जिले में भारी नुकसान हो सकता है।

शंभू ग्लेश्यिर से निकलकर पिंडर में मिलती है नदी

शंभू नदी बोरबलड़ा गांव के समीप शंभू ग्लेशियर से निकलती है। नदी कुंवारी गांव से करीब पांच किमी आगे पिंडारी ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर नदी में मिल जाती है। ग्रामीणों के अनुसार झील बोरबलड़ा के तोक भराकांडे से करीब चार किमी और कुंवारी गांव की तलहटी से करीब दो किमी दूर कालभ्योड़ नामक स्थान पर बनी है जहां से करीब चार किमी आगे जाकर शंभू नदी पिंडर में मिल जाती है।

थराली, नारायणबगड़ से लेकर कर्णप्रयाग तक आएंगे जद में

शंभू नदी में बनी झील टूटी तो भारी मात्रा में पानी और मलबा बहेगा जो आगे जाकर पिंडर में मिलकर और शक्तिशाली बन जाएगा। पिंडर चमोली जिले के थराली, नारायणबगड़ से होते हुए कर्णप्रयाग में अलकनंदा में जाकर मिलती है। ऐसे में अगर झील टूटी तो चमोली जिले का बड़ा भूभाग नुकसान की जद में आ सकता है।

शंभू नदी पर झील निर्माण की जानकारी नदियों को जोड़ने की योजना के तहत सर्वे करने आई यूसेक की टीम को हुई थी। झील निर्माण की सूचना मिलने के बाद रविवार को तहसीलदार पूजा शर्मा के नेतृत्व में सिंचाई, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, आपदा प्रबंधन आदि विभागों की टीम शंभू नदी का निरीक्षण कर लौट आई है। रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी। – पारितोष वर्मा, एसडीएम कपकोट। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here