लखनऊ : (Artificial Intelligence Use In Agriculture) अब विज्ञानियों व आमजन के पास अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित ऐसी तकनीक होगी कि वह किसी भी औषधीय पौधे की पहचान कुछ ही पल में कर लेंगे। औषधीय पौधों की पहचान फोटो स्कैनिंग से हो सकेगी। अच्छी बात यह है कि इस प्रक्रिया में यह भी तत्काल पता चल जाएगा कि उस औषधीय पौधे में कोई रोग तो नहीं लगा है। आयुर्वेद के क्षेत्र में सक्रिय विशेषज्ञों के लिए सहायक होने वाली इस तकनीक की खोज की है अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के सेंटर फार एडवांस स्टडीज के निदेशक प्रो. एमके दत्ता की टीम ने।
प्रो. दत्ता और उनकी टीम ने औषधीय पौधों की पहचान पर लंबे समय तक शोध किया। इसके लिए टीम को कटरा स्थित माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय द्वारा 12 औषधीय पौधों की पत्तियां उपलब्ध कराई गईं। विज्ञानियों ने कंप्यूटर विजन और एआइ से उन औषधीय पत्तियों का विश्लेषण किया, उनका डाटासेट तैयार किया और स्कैन कर उनकी पहचान स्थापित की। इसी के साथ एआइ तकनीक आधारित एक ऐसी विधि तैयार की जिससे मात्र फोटो स्कैनिंग से औषधि का नाम और उसके स्वस्थ होने की जानकारी मिल सके। इस विधि से यह जाना जा सकेगा कि यह कौन सा पौधा है और किसी रोग से प्रभावित है या नहीं। यह शोध अंतरराष्ट्रीय जर्नल एक्सपर्ट सिस्टम्स में प्रकाशित हुआ है।
कृषि समस्याओं के समाधान में कंप्यूटर विजन और डीप लर्निंग कारगर
प्रो. एमके दत्ता का कहना है कि विभिन्न कृषि समस्याओं को हल करने के लिए कंप्यूटर विजन और डीप लर्निंग तकनीक काफी कारगर साबित हुई है। इस माडल को बनाने के लिए डीप लर्निंग प्रौद्योगिकी का ही प्रयोग किया गया है। डीप लर्निंग एआइ स्मार्ट तकनीक में से एक है, जो डाटा की गहन जांच करने में सक्षम है। डीप लर्निंग तकनीक उत्तरोत्तर छवि वर्गीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुकी है। पौधों के विश्लेषण के लिए कृषि क्षेत्र में इसका तेजी से विस्तार और प्रयोग किया जा रहा है। शोध के बाद ऐसे सफल परिणाम सामने आना इसी बात के संकेत हैं।