जौनसार बावर के आराध्य देव महासू चालदा देवता (Jaunsar Mahasu Chalda Devta) के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु देव दर्शन करके सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं. डेढ़ साल के प्रवास पर देवता समाल्टा गांव के नवनिर्मित मंदिर में विराजित हैं. खत समाल्टा के सभी लोग और श्रद्धालु देवता की सेवा में लगे हुए हैं. सभी श्रद्धालुओं के लिए दिन-रात भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है.
खत समाल्टा के सभी लोग और श्रद्धालुओं देवता की सेवा में लगे हुए हैं. सभी श्रद्धालुओं के लिए दिन-रात भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है. श्रद्धालु देव दर्शन करके सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं. बता दें कि 67 साल बाद चालदा महाराज देवता खत समाल्टा के मंदिर में विराजमान हुए हैं. खतवासियों को करीब डेढ़ सालों तक देवता की सेवा का मौका मिलेगा, जिससे ग्रामीण काफी उत्साहित हैं.
गांव वाले करते हैं कुल देवता का भव्य स्वागत: बता दें कि अपनी अलग संस्कृति और रीति-रिवाजों के लिए जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर पूरे देश में एक अलग पहचान रखता है. इस क्षेत्र के लोगों के कुल देवता चालदा महासू महाराज हैं, जो हर साल जौनसार बावर के साथ ही बंगाण और हिमाचल के बड़े भू-भाग पर भ्रमण करते हैं और किसी गांव में पहुंचने पर चालदा महाराज एक साल तक उसी गांव में प्रवास करते हैं. इस दौरान गांव से देवता की विदाई और दूसरे गांव में देवता के स्वागत का नजारा देखने लायक होता है. देवता की विदाई करने वाला गांव भरी आंखों से उन्हें विदा करता है तो दूसरा गांव देवता का स्वागत नाच गाने के साथ करता है.