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महेंद्रगढ़ के धार्मिक स्थल ढ़ोसी धाम से 30 किलो वजनी बेशकीमती मूर्ति हुई चोरी

महेंद्रगढ़ के धार्मिक स्थल ढ़ोसी धाम से 30 किलो वजनी बेशकीमती मूर्ति हुई चोरी

महेंद्रगढ़. हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में ऐतिहासिक धार्मिक स्थल ढ़ोसी धाम से लगभग 30 किलो वजन की अष्ट धातु से बनी भगवान विष्णु की बेशकीमती मूर्ति चोरी हो गई है. वहीं पीतल से बने 3 लड्‌डू गोपाल और भगवान विष्णु की एक अन्य मूर्ति भी चुराई गई है. मंदिर के महंत व ग्रामीणों ने साधु के वेश में घूमने आए लोगों पर चोरी का इल्जाम लगाया है तथा पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. इस घटना से श्रद्धालु ग्रामीणों में भारी रोष है तथा उन्होंने पुलिस से मिलकर इन मूर्तियों को बरामद व चोरों को दंडित करवाने की मांग की है.

बता दें कि ढोसी धाम बड़ा पवित्र स्थान है और गत दिनों प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल ढोसी पर्वत पर हैलीकॉप्टर के जरिए आए थे और उन्होंने भी यहां देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की थी.  वहीं महंत नरसिंह दास समेत ग्रामीण श्रद्धालुओं की शिकायत मिलने पर पुलिस ने दोपहर के समय ढोसी पर्वत पर पहुंची और घटनास्थल का मौका मुआयना किया.

वहीं पुलिस को दी शिकायत में महंग नरसिंह दास ने बताया कि वह ढोसी की पहाड़ी पर चंद्र कुई च्यवन श्री मंदिर में पूजा-पाठ करते हैं और बचपन से ही महाराज की सेवा करता आ रहा है. उन्होंने बताया कि ढोसी स्थित मंदिर से मूर्तियां चोरी हो गई हैं, जिनमें भगवान विष्णु की करीब 30 किालो की अष्ट धातु से बनी मूर्ति शामिल है. उन्होंने बताया कि मंदिर में तीन मूर्तियां लड्डू गोपाल की भी थी, जिनमें से एक मूर्ति करीब एक पीतल से बनी हुई थी, जबकि दो छोटी मूर्तियां थी. यह सभी मूर्तियां चोरी हो गई हैं.

उन्होंने कुछ लोगों पर शक जाहिर करते हुए बताया कि उसके पर गत 24 जून को तीन लोग आए थे और यह दिन में उसके पास सायं करीब 3-4 बजे उससे आकर मिले थे. उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति भार्गव मंदिर में पूजा पाठ के नाम से पहले ही ठहरा हुआ था. यह सभी व्यक्ति अजय, मोहन व दो अन्य आपस में एक-दूसरे को जानते थे और संपर्क में थे. उन्होंने बताया कि उसे पूरा विश्वास है कि आपस में जानते थे और मूर्तियां भी इन्होंने चोरी की हैं, क्योंकि अजय ने उसे धमकी दी है कि यदि इस बारे में किसी को कुछ बताया तो वह उसके लिए ठीक नहीं होगा.

ढोसी की पहाड़ी को महर्षि च्यवन की तपोस्थली माना जाता है. बताया जाता है कि इसी आश्रम में उन्होंने विश्व प्रसिद्ध औषधि च्यवनप्राश का निर्माण किया था. ढोसी पहाड़ी में आयुर्वेद के महान तत्व पाए जाते हैं. लगभग 5100 वर्ष पूर्व पांडव भी अपने अज्ञातवास के दौरान यहां आए थे. पहाड़ी को ज्वालामुखी कहा जाता है और आज भी पहाड़ी के एक तरफ ठोस लावा देखा जा सकता है, जो कि लाखों वर्ष पुराना है.

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